चार शातिर गिरफ्तार
इंटरनेट से विदेशी क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा खरीद कर बनाते थे नकली कार्ड
गिरोह का मास्टर माइंड जयपुर का रहनेवाला
गिरोह के चार सदस्यों में दो दुकान का डीलर भी
गिरफ्तार एजेंट के पास से स्कीमर मशीन, दर्जनों क्रेडिट कार्ड व कार्ड स्पाइप मशीन जब्त
कोलकाता. विदेश में रह रहे लोगों के क्रेडिट कार्ड का नकल बना कर उससे लाखों रुपये निकाल लेनेवाले एक शातिर गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने पकड़ा है. इस गिरोह ने भारतीय बैंकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है. गिरफ्तार आरोपियों में राजस्थान के जयपुर का रहनेवाला राकेश कुमार शर्मा (32), बेहला निवासी कुलदीप सिंह राठौड़ (26), आसनसोल का हीरेन आचार्य (33) और पाटुली का सौम्मो बसु (23) है. राकेश गिरोह का मास्टरमाइंड है. कोलकाता पुलिस की बैंक धोखाधड़ी टीम ने महानगर के एक प्रसिद्ध होटल से सभी को गिरफ्तार किया है. उनके पास से तीन कार्ड स्वाइप मशीन, पांच ब्लैंक कार्ड, 12 डेविट कार्ड, एक लैपटॉप, एक स्कीमर मशीन और पांच मोबाइल मिले हैं. सभी आरोपियों को बैंकशाल कोर्ट में पेश करने पर अदालत ने उन्हें पांच अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.
कैसे उड़ाते थे कार्ड से रुपये
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि राकेश का देश के प्राय: सभी बड़े शहरों में बड़े-बड़े दुकान व शोरूम के मालीकों व डीलरों से उसका संपर्क था. राकेश इंटरनेट पर कुछ प्रतिबंधित साइट के जरिये विदेशी नागरिकों के क्रेडिट कार्ड की सभी जानकारी महज कुछ डॉलर देकर हासिल कर लेता था. इसके बाद उन क्रेडिट कार्ड की जानकारी को स्कीमर मशीन की बदौलत दूसरे खाली कार्ड में डाल देता था. इसके बाद उस कार्ड को उन दुकानों के डीलर से मिल कर उनके दुकान में स्वाइप मशीन के जरिये कार्ड स्वाइप कर खरीददारी के बहाने रुपये निकाल लेता था.
डीलरों को देता था मुनाफा
अधिक मुनाफा के चक्कर में कुछ डीलर उसका साथ देते थे. जैसे डीलर 50 हजार की खरीददारी के लिए कार्ड स्वाइप करता था तो वह उससे 30 हजार रुपये लेकर 20 हजार उसके लिए छोड़ देता था. इधर डीलर स्वाइपिंग मशीन से खरीददारी दिखा कर पूरी रकम बैंक से वसूल लेता था.
बैंक ने की थी शिकायत
डीलरों को अपनी तरफ से रुपये भुगतान करने के बाद भारतीय बैंक जब उन विदेशी क्रेडिट कार्ड के बैंक से रुपये को वसूलने के लिए आवेदन करते तो वे बैंक अपने ग्राहकों के घटना के समय भारत में नहीं रहने की बात कह कर भारतीय बैंक को भुगतान करने से मना कर देते, जिससे भारतीय बैंकों को काफी नुकसान हो रहा था. एक्सिस बैंक ने मई में 36 लाख 84 हजार 975 रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत श्ेाक्सपीयर सरणी थाने में दर्ज करायी थी.
डीलरों से पूछताछ में मिला सुराग
जांच के दौरान शक के आधार पर शुरुआत में पुलिस ने पाटुली निवासी सौम्मो बसु और आसनसोल निवासी हीरेन आचार्य से पूछताछ की. डीलरों से पूछताछ में राकेश से उनकी मुलाकात कराने वाले लिंक मैन बेहला निवासी कुलदीप सिंह राठौड़ का पुलिस को सुराग मिला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. मुख्य आरोपी राकेश को दबोचने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया और महानगर में इस तरह के अन्य डीलरों के इस कार्य में शामिल होने के लिए तैयार होने की जानकारी देकर राजस्थान से राकेश को महानगर बुलाया गया. इसके बाद स्वाइप मशीन व अन्य कारगुजारी मशीन को लेकर वह 23 जुलाई को मध्य कोलकाता में पहुंचा. जिसके बाद हीं उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि कुलदीप पहले राजस्थान में रहता था, जहां उसका परिचय राकेश के साथ हुआ था. उसी ने महानगर व आसपास के डीलरों को इस कार्य के लिए राजी कराया था. पुलिस इस मामले में जल्द अन्य डीलरों को भी गिरफ्तार करेगी.