-गुटखा के लिए मां को मार डाला
-मर चुकी मां को बेहोश समझ कर रुपये देने का कर रहा था जिद
-तालाब में डूबो कर मां को मारने की कर चुका था कोशिश
विकास गुप्ता, कोलकाता
-----------------------------
ऐ मां, ला ना रुपये. सिर्फ दस रुपये तो मांग रहा हूं. दे ना, दे दे ना. उठ नाटक मत कर, जल्दी से दे रुपये : जमीन पर अचेत पड़ी वृद्ध मां को वह कुछ इसी तरह हिला-हिला कर रुपये मांग रहा था. उसे यकीन नहीं हो रहा था कि मां मर चुकी है. उसने कुछ ही देर पहले मां को जोर से दीवार में दे मारा था, क्योंकि वह नशे के लिए रुपये देने से मना कर रही थी. दीवार में टकराने के बाद एक चीख के साथ मां जमीन पर गिर पड़ी थी. उसके सिर से खून बह रहे थे. पर बेटे को दम तोड़ रही मां के दर्द का थोड़ा भी आभास न था. उसे लग रहा था कि मां बेहोश होने का नाटक कर रही है. मां की लाश को धक्के देकर उठ जाने व रुपये देने के लिए कहता रहा. जब काफी देर तक मां नहीं हिली, तो वह चीखने लगा, जोर-जोर से रोने लगा. शोर सुन कर बाहर के लोग जुट गये. लोगों ने देखा : मां की लाश के पास 33 वर्षीय शिव शंकर दे पागलों की तरह हरकतें कर रहा था. कुछ भी करने से बेहतर लोगों पुलिस को खबर देना बेहतर समझा. पुलिस जब उसे गिरफ्तार करके ले जा रही, तब मानो उसे होश आया हो कि उसने क्या गुनाह कर दिया. वह जोर-जोर से मां के लिए रोने-बिलखने लगा था.
घटना दक्षिण कोलकाता के पर्णश्री थाना इलाके के शकुंतला अपार्टमेंट में पिछले दिनों घटी. बेला रानी के पति सुधांशु रंजन दे कोलकाता पुलिस में कांस्टेबल थे. रिटायरमेंट के बाद पर्णश्री इलाके में वह परिवार के साथ रहते थे. एक वर्ष पहले उनकी मौत हुई थी. मौत के बाद उनके घर में उनकी पत्नी बेला रानी अपने बेटे शिव शंकर दे के साथ रहती थी. बेटे के बेरोजगार होने के कारण पति के पेंशन से घर खर्च चलता था. बेरोजगार होने के बावजूद शिवशंकर नशे का आदी था. नशे के लिए रुपये नहीं देने पर उसका अपनी मां के साथ अक्सर विवाद होता रहता था.
पड़ोस के लोग बताते हैं : शिव शंकर को लगातार गुटखा खाने की आदत थी. मां उसे इस तरह गुटखा खाने से मना करती थी. वह बताती थी कि गुटखा खाने से कैंसर हो जाता, टीवी पर प्रचार में ऐसा ही दिखाता है. अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मां क्या करूंगी. मैं नहीं चाहती कि मेरा बेटा मुझसे पहले इस दुनिया से चला जाये. बेटा तुम गुटखा खाना बंद कर दो. वह गुटखा के लिए रुपये देने से मना कर देती तो शिव मारपीट करने लगता. कुछ दिनों पहले तालाब के पास वह इसी तरह मां से रुपये मांग रहा था, लेकिन जब मां ने रुपये देने से मना किया तो उसने मां के गर्दन को पकड़ कर तालाब में डुबोने लगा. शुक्र है कि वहां लोग थे, नहीं तो वह उसी दिन उसे मार देता. लोगों को आश्चर्य लगता है कि कैसे गुटखे का आदी होने के कारण कोई व्यक्ति इस हद तक हैवान हो सकता है, वो भी अपनी मां के साथ. शिव शंकर 33 वर्ष का था. मां ने कई बार उसके लिए रिश्ते की बात चलायी थी, लेकिन किसी न किसी अड़चन की वजह से उसका विवाह नहीं हो सका था, मां रिश्तेदारों से अक्सर उसके लिए बात चलाने की बात करती थी. शिव शंकर की मानसिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उसे नौकरी भी नहीं मिल रही थी.
साभार ः प्रभात खबर
-मर चुकी मां को बेहोश समझ कर रुपये देने का कर रहा था जिद
-तालाब में डूबो कर मां को मारने की कर चुका था कोशिश
विकास गुप्ता, कोलकाता
-----------------------------
ऐ मां, ला ना रुपये. सिर्फ दस रुपये तो मांग रहा हूं. दे ना, दे दे ना. उठ नाटक मत कर, जल्दी से दे रुपये : जमीन पर अचेत पड़ी वृद्ध मां को वह कुछ इसी तरह हिला-हिला कर रुपये मांग रहा था. उसे यकीन नहीं हो रहा था कि मां मर चुकी है. उसने कुछ ही देर पहले मां को जोर से दीवार में दे मारा था, क्योंकि वह नशे के लिए रुपये देने से मना कर रही थी. दीवार में टकराने के बाद एक चीख के साथ मां जमीन पर गिर पड़ी थी. उसके सिर से खून बह रहे थे. पर बेटे को दम तोड़ रही मां के दर्द का थोड़ा भी आभास न था. उसे लग रहा था कि मां बेहोश होने का नाटक कर रही है. मां की लाश को धक्के देकर उठ जाने व रुपये देने के लिए कहता रहा. जब काफी देर तक मां नहीं हिली, तो वह चीखने लगा, जोर-जोर से रोने लगा. शोर सुन कर बाहर के लोग जुट गये. लोगों ने देखा : मां की लाश के पास 33 वर्षीय शिव शंकर दे पागलों की तरह हरकतें कर रहा था. कुछ भी करने से बेहतर लोगों पुलिस को खबर देना बेहतर समझा. पुलिस जब उसे गिरफ्तार करके ले जा रही, तब मानो उसे होश आया हो कि उसने क्या गुनाह कर दिया. वह जोर-जोर से मां के लिए रोने-बिलखने लगा था.
घटना दक्षिण कोलकाता के पर्णश्री थाना इलाके के शकुंतला अपार्टमेंट में पिछले दिनों घटी. बेला रानी के पति सुधांशु रंजन दे कोलकाता पुलिस में कांस्टेबल थे. रिटायरमेंट के बाद पर्णश्री इलाके में वह परिवार के साथ रहते थे. एक वर्ष पहले उनकी मौत हुई थी. मौत के बाद उनके घर में उनकी पत्नी बेला रानी अपने बेटे शिव शंकर दे के साथ रहती थी. बेटे के बेरोजगार होने के कारण पति के पेंशन से घर खर्च चलता था. बेरोजगार होने के बावजूद शिवशंकर नशे का आदी था. नशे के लिए रुपये नहीं देने पर उसका अपनी मां के साथ अक्सर विवाद होता रहता था.
पड़ोस के लोग बताते हैं : शिव शंकर को लगातार गुटखा खाने की आदत थी. मां उसे इस तरह गुटखा खाने से मना करती थी. वह बताती थी कि गुटखा खाने से कैंसर हो जाता, टीवी पर प्रचार में ऐसा ही दिखाता है. अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मां क्या करूंगी. मैं नहीं चाहती कि मेरा बेटा मुझसे पहले इस दुनिया से चला जाये. बेटा तुम गुटखा खाना बंद कर दो. वह गुटखा के लिए रुपये देने से मना कर देती तो शिव मारपीट करने लगता. कुछ दिनों पहले तालाब के पास वह इसी तरह मां से रुपये मांग रहा था, लेकिन जब मां ने रुपये देने से मना किया तो उसने मां के गर्दन को पकड़ कर तालाब में डुबोने लगा. शुक्र है कि वहां लोग थे, नहीं तो वह उसी दिन उसे मार देता. लोगों को आश्चर्य लगता है कि कैसे गुटखे का आदी होने के कारण कोई व्यक्ति इस हद तक हैवान हो सकता है, वो भी अपनी मां के साथ. शिव शंकर 33 वर्ष का था. मां ने कई बार उसके लिए रिश्ते की बात चलायी थी, लेकिन किसी न किसी अड़चन की वजह से उसका विवाह नहीं हो सका था, मां रिश्तेदारों से अक्सर उसके लिए बात चलाने की बात करती थी. शिव शंकर की मानसिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उसे नौकरी भी नहीं मिल रही थी.
साभार ः प्रभात खबर