जेल में बंद कैदियों को भी अब अपने पति या पत्नी से यौन संबंध बनाने का अधिकार मिलेगा। ये ऐतिहासिक फैसला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनाया है। कोर्ट ने एक कमेटी बनाने का आदेश दिया है जो तय करेगा कि किस तरह के कैदियों को और किस परिस्थिति में ये अधिकार दिया जाए।
एक कैदी पति-पत्नी के मामले में फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि जेल में बंद कैदी को अपने पति या पत्नी से यौन संबंध बनाने और बच्चे पैदा करने का अधिकार है। संविधान के मुताबिक ये एक मौलिक अधिकार है और कैदियों को इससे वंचित नहीं रखा जा सकता।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाए। कमेटी जेलों की हालत को समझकर एक दिशा-निर्देश बनाएगी। कमेटी ये तय करेगी कि किस तरह के कैदियों को और किस परिस्थिति में ये अधिकार दिया जाएगा। जेल के अंदर सुविधा बनाई जाएगी जहां कैदी की पत्नी या उसका पति उससे मिल सके। कोर्ट ने ये साफ किया है कि किस कैदी को ये अधिकार दिया जाएगा, ये सरकार तय करेगी। इसमें सामाजिक सरोकार और कानून व्यवस्था का ख्याल रखा जाएगा। कोर्ट के मुताबिक हर व्यक्ति को अपने खानदान को बढ़ाने का आधिकार है।
अमेरिका और ब्रिटेन में ऐसे प्रावधान पहले से मौजूद हैं। जानकार बताते हैं कि हमारे देश में भी पैसे वाले कैदी पैरोल पर जेल से बाहर आते हैं और कुछ वक्त के लिए सामान्य जीवन बिताते हैं। उन गरीबों को भी ये हक मिलना चाहिए जो पैरोल हासिल नहीं कर सकते। कैदियों को यौन संबंध बनाने का अधिकार ना देने से कई स्वास्थ्य समस्याएं भी आती हैं। उनमें गुप्त रूप से समलैंगिक संबंध बनाने की बात सामने आई हैं। इससे यौन रोग होने का खतरा बना रहता है।
 
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